Friday, March 6, 2015

'अराजकता' एवं 'प्रजातंत्र'

'अराजकता' एवं 'प्रजातंत्र'
शब्दों का प्रयोग करते हुए अपने भाव घटोतरी/ बढ़ोतरी में लिखिए

प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 


चारो और फैली है

समाज को डसती
खोखला करती
अराजकता 
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प्रजातंत्र है
राजनिति का अखाड़ा
स्वतंत्रता का मजाक उड़ाता
संस्कृति और संस्कार को ढोता


कुसुम शर्मा . 


अंधेर नगरी और चौपट राजा”

देखो कैसा कलयुग आया
सर्वत्र फैली है
ये अराजकता
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प्रजातंत्र
सर्वोतम पद्धति
इतिहास इसका पुराना
क्या हमने इसको जाना


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