~प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल~
आओ बढाकर हाथ
चलो हम साथ चले
शब्दों के बना कर घर
भावो का एक नया शहर बसाएं
15 January at 19:22 (बढ़ोतरी)
**** ऊपर लिखे हुए "बढ़ोतरी" पर मित्रो के भाव बढ़ोतरी/घटोतरी में ****
~सुनीता शर्मा~
शब्दों की डगर
भावों का मनोहारी सफ़र
स्वजनों की स्नेही भावमयी घर
चलें सभी हाथ पकड़ बन निडर
15 January at 19:27 (बढ़ोतरी)
~नैनी ग्रोवर~
चलो
कहीं दूर
भावों के नगर
शब्दों की नाव बना
15 January at 19:43 (बढ़ोतरी)
~Bahukhandi Nautiyal Rameshwari~
भावों का शहर ।
हो मज़बूत शब्दों सजा ।
जाल हटा दो द्वेष के ।
रंग भर लो प्रेम स्नेह के ।
15 January at 21:42 (बढ़ोतरी)
~किरण आर्य~
भावो का खूबसूरत शहर
शब्दों से निर्मित सलोना घर
सजाये इसे नेह विश्वास से मिलकर
अहसासों को दिशा देता दिल का नगर
16 January at 11:29 (बढ़ोतरी)
~Pushpa Tripathi~
भावों के धागे में गूंथते है
शब्दों के महकते फूल नये
अर्पित करती माला निराली
शब्द सीढ़ी समूह
~*~*~*~*~*~*~*~*~
ले चले हम शब्दों का कारवां
भावों के साथ समूह गान
'प्रतिबिम्बजी' का संदेशा नया
मिलकर साथ खुशहाल
17 January at 22:15 ( घटोतरी / घटोतरी)
इस पोस्ट में सभी भाव पूर्व में प्रकशित हो चुके है फेसबुक के समूह " सीढ़ी - भावों की "
https://www.facebook.com/groups/seedhi/
ReplyDeleteप्रति जी नमस्कार सभी मित्रो के भावो को सुंदर संग्रह रूप दे दिया आपने ये ब्लॉग बना ...........आभारी है हम सभी आपके की लिखने की चाह सीखने की प्रवृति और मित्रो के भावो को पढने की ख़ुशी को इक सुंदर रूप दिया है ............आपके सानिध्य और मार्गदर्शन में हम सभी सीखे प्रतिपल कुछ नया इसी आस के.........................................शुभ
ReplyDeleteप्रति जी नमस्कार सभी मित्रो के भावो को सुंदर संग्रह रूप दे दिया आपने ये ब्लॉग बना ...........आभारी है हम सभी आपके की लिखने की चाह सीखने की प्रवृति और मित्रो के भावो को पढने की ख़ुशी को इक सुंदर रूप दिया है ............आपके सानिध्य और मार्गदर्शन में हम सभी सीखे प्रतिपल कुछ नया इसी आस के साथ ................शुभं