(आज 'प्रार्थना' शब्द - बढ़ोतरी/घटोतरी भाव में मित्रो द्वारा )
नूतन डिमरी गैरोला
प्रथम
हो प्रार्थना
स्वागत हो फिर
धन्य जान, करूं गुणगान
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पैर पखारूँ अश्रुजल से
चख बेर खिलाऊं
अतिथि बनो
राम|
सुनीता शर्मा
प्रार्थना होती सदा
सुंदर मनोभावों की लड़ी
ईश्वरीय अनुभूतियों को संवारती रहती
बनती उन्नत जीवन की श्रेष्ठतम परिधि
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आयें निश्चित शब्दों को संग्रह करें
भावों के संग अर्पित करें
सुंदर लयबद्ध अलंकर्ण करके
अब लिखें प्रार्थना
Yogesh Raj
प्रबल इच्छा मेरी,
हार्दिक यह भावना मेरी,
मानव-सेवा में व्यतीत करूं,
संपूर्ण जीवन मै, यही प्रार्थना मेरी.
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प्रार्थना करूं, जाति-धर्म से ऊपर उठकर,
परस्पर सौहार्द को मै अपना कर,
प्रस्तुत करूं आदर्श उदहारण मै,
जीवन में होऊं अग्रसर.
प्रभा मित्तल
प्रार्थना है
ईश्वर से यही
सन्मति देना मुझे सदा
पुरुषार्थ करते बीते जीवन मेरा
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कोई तो है अदृश्य शक्ति
जो चलाती है ब्रह्माण्ड
वही ईश्वर है
प्रार्थना योग्य।
भगवान सिंह जयाड़ा
यह प्रार्थना ,
तुम से भगवान ,
सदबुद्धि दे हम को ,
करो सर्व जगत का कल्याण ,
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स्वीकारो प्रार्थना हे दया निधान ,
धरुं नित तुम्हारा ध्यान ,
तुम्हारी लीला महान ;
करुणा निधान.
डॉ. सरोज गुप्ता
प्रार्थना
करती थी
रोज सुबह मैं
जब छोटी बच्ची थी !
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मांगूं यह भीख तुमसे
दे दो वरदान
आजीवन करूँ
प्रार्थना !
प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल
मन में श्रद्धा रख
कर्म करता चल
साथ में
प्रार्थना
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प्रार्थना
रोज करूँ
मांगू केवल इतना
सबका कल्याण हो प्रभु
गिरीश जोशी
बस इतनी सी है कामना
मेरा हाथ प्रभु थामना
कोई स्वार्थ ना
यही प्रार्थना
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मेरी प्रार्थना
सुन लो प्रभु
तुममें मन लग जाय
फिर चाहे छूट जग जाय
Pushpa Tripathi
प्रार्थना मेरी
सुनो प्रभु मोरी
सब जीव, सुख पावै
रहे सत्कर्म, शुभ मंगल काजा .....
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आशीष तुम्हार, सदा बनी रहे हम पर
बरसे कृपा, नित अनुज हम पर
दर्शन अभिलाषी, मन है मेरा
प्रार्थना हमरी, सुनो गिरधारी
किरण आर्य
सकल भाव मन के अर्पित
चरणों में ईश् तुम्हारे
रहे सभी सुखी
प्रार्थना यहीं
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प्रार्थना यहीं
करे ह्रदय मोरा
जीवन सार्थकता सत्कर्म संग
मार्गदर्शित करो प्रतिपल राह मेरी
संगीता संजय डबराल
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
मांगें सबकी,खैर, ख्वाहिशे,
कर स्वीकार दाता
मेरी प्रार्थना
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सच्चा प्रयास,
कर्मकांड से परे,
ईश्वर से सीधा सवांद,
सच्चा प्रयास,
कर्मकांड से परे,
ईश्वर से सीधा सवांद,
प्रार्थना है अंतरात्मा की चेतना
Bahukhandi Nautiyal Rameshwari
मैं नारी हूँ,
यही प्रार्थना करती हूँ ।
ऊँची उड़ान , हर बिटिया को .
अपने दामन, अनगिनत पंख रखती हूँ ।।
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प्रार्थना में, नन्ही बिटिया मांगती हूँ ।।
ममता की मोरी, चुनर कोरी ।।
बिन बिटिया, अम्मा मोरी ।।
प्रार्थना में, नन्ही बिटिया मांगती हूँ ।।
ममता की मोरी, चुनर कोरी ।।
बिन बिटिया, अम्मा मोरी ।।
मैं जननी हूँ ।
बलदाऊ गोस्वामी
प्रार्थना करुँ मै,
करुँ मै सुमिरन नाम।
तु है पालक हम सेवक,
सुन लो ईश्वर तु दया निधान।।
....................
उस शासवत ईश्वर का गुणगान करुँ,
जो जग में पालन हार।
हे निरंकारी तु ईश्वर,
प्रार्थना करुँ तेरी।।
इस पोस्ट में सभी भाव पूर्व में प्रकशित हो चुके है फेसबुक के समूह " सीढ़ी - भावों की "
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